प्रेगनेंट होना है तो ऐसे करें सेक्स b> p>
प्रेगनेंट
होना
वैसे तो बहुत आसान होता है, लेकिन कई
कपल्स को कमजोर या कम स्पर्म काउंट
होने की वजह से कंसीव करने में दिक्कत
होती है। ऐसे में नेचर के अलावा आपको
भी अपने पार्टनर के साथ मिलकर एफर्ट्स
करने की जरूरत है। प्रेगनेंट होने
के लिए बेस्ट पोजिशन अपनाने का मकसद है
मेल स्पर्म्स को फीमेल सर्विक्स के
एकदम पास छोड़ना, ताकि कंसीव
किया जा सके।
सेक्स पोजिशंस
का सीधा
रिश्ता मेल स्पर्म्स और फीमेल एग्स के साथ
होता है। ओवरी से एक बार रीलीज़
होने के बाद ओव्युलेशन स्टेज के दौरान एग
फलोपियन ट्यूब से यूटरस की तरफ
चलना शुरू कर देता है। एक एग मुश्किल से
24 घंटों तक जिंदा रहता है, जबकि
एक स्पर्म फीमेल बॉडी के अंदर 5 दिन तक
जिंदा रह सकता है। स्पर्म और एग आपस
में मिलें, इसके लिए जरूरी है कि मिलन के
वक्त वे ऐक्टिव हों।
हालांकि, बहुत सारे लोग इस बात से सहमत
नहीं होंगे कि प्रेगनेंट होने से
सेक्शुअल पोजिशंस का भी कुछ लेना-
देना होता है। लेकिन इसके पीछे
का लॉजिक
यह है कि सेक्स के दौरान ऐसी पॉजिशन
अपनाई जाए,जिससे एग और स्पर्म
का मिलन
कम से कम वक्त में हो सके।
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इसलिए, सेक्स पोजिशंस का
ख्याल रखना उन कपल्स के लिए बेहद
जरूरी है, जिन्हें कंसीव करने में समस्या
होती है। जरूरी है कि उन
तरीकों को अवॉइड किया जाए, जिनसे
स्पर्म और एग का
मिलन मुश्किल हो जाता है। जैसे कि खड़े
होकर, बैठकर या फिर वुमन ऑन टॉप
पोजिशन में सेक्स करना।
इस
बात का ख्याल रखना चाहिए कि फीमेल
सर्विक्स तक पहुंचकर एग से मिलन करने के
बजाए स्पर्म कहीं वजाइना से बाहर न
आ जाएं। सेक्स के दौरान वुमन के हिप्स कुछ
ऐसी पोजिशन में होने चाहिए,
जिससे रीलीज के बाद स्पर्म अंदर ही रहें
और उन्हें फीमेल सर्विक्स तक
पहुंचने के लिए काफी समय मिले।
बेहतर है ये पोजिशंस
अपनाई जाएं-
1.
मिशनरी पोजिशन
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इसे मैन ऑन टॉप पोजिशन
भी कहा जाता है। यह पोजिशन प्रेगनेंट
होने के लिए
बेस्ट है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे डीप
पेनिट्रेशन होता है और स्पर्म्स
सर्विक्स के पास रीलीज होते हैं।
2.
हिप्स ऊंचाई पर रखें
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सेक्स के दौरान तकिए की मदद से हिप्स
को थोड़ा ऊपर उठाना कंसीव करने में
मदद करता है, क्योंकि इससे फीमेल
सर्विक्स को मेल स्पर्म्स को रीसीव करने
में आसानी रहती है।
3.
डॉगी स्टाइल
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इसे रीयर एंट्री पोजिशन कहते हैं, जिसमें
सेक्स के दौरान पुरुष रीयर साइड
से पेनिट्रेशन करता है। इस पोजिशन में
भी स्पर्म फीमेल सर्विक्स के पास
डिपॉजिट होते हैं, जिससे कॉन्सेप्शन
की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
4.
साइड बाइ साइड
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अगल-बगल लेटकर इंटरकोर्स
करना भी कंसीव करने के लिए मददगार
होता है,
क्योंकि इससे सर्विक्स को मेल स्पर्म्स
रिसीव करने में मदद मिलती है।
5.
ऑर्गैज़म जरूरी
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सबसे जरूरी है ऑर्गैज़म। हालांकि,
इसका सेक्शुअल पोजिशन से तो कोई लेना
देना नहीं है, लेकिन इंटरकोर्स के दौरान
फीमेल को भी ऑर्गैजम होना बेहद
जरूरी है। स्टडीज़ के मुताबिक आर्गैज़म के
दौरान फीमेल ऑर्गन में कुछ इस
तरह का कॉन्ट्रैक्शन होता है, जिससे
स्पर्म्स सर्विक्स की तरफ पुश होते
हैं।
आखिर में
strong>: कंसीव करने की कोशिश के
दौरान
सारा ध्यान पोजिशंस पर ही न दें। ऐसा न
हो कि बेवजह टेंशन में आकर आप कीमती
लम्हों को बर्बाद कर दें। मूड लाइट रखें और
इंजॉय करें।